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हल्द्वानी उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल का सबसे बड़ा नगर है। नैनीताल तथा अल्मोड़ा की यात्रा से पूर्व अंतिम मैदानी नगर होने के कारण इसे कुमाऊँ का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है।

समझें

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हल्द्वानी २९.२२° उ ७९.५२° पू के अक्षांश पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई ४२४ मीटर है। भूवैज्ञानिक रूप से हल्द्वानी एक पीडमोंट (piedmont) ग्रेड पर बसा हुआ है जिसे भाभर कहा जाता है, जहां पहाड़ी नदियाँ भूमिगत होकर गंगा के मैदानी क्षेत्रों में पुनः प्रकट होती हैं। ऐतिहासिक रूप से ये एक स्थानीय व्यापार केंद्र रहा है और कुमाऊँ के पहाड़ी क्षेत्रों और गंगा के मैदानी क्षेत्रों के बीच एक व्यस्त केंद्र भी।

ब्रिटिश अभिलेखों से हमें ये ज्ञात होता है कि इस स्थान को १८३४ में एक मण्डी के रूप में उन लोगों के लिए बसाया गया था जो शीत ऋतु में भाभर आया करते थे। सन् १९०१ में यहाँ की जनसँख्या ६,६२४ थी और सयुंक्त प्रान्त के नैनीताल ज़िले के भाभर क्षेत्र का मुख्यालय हल्द्वानी में ही स्थित था। और साथ ही ये कुमाऊँ मण्डल और नैनीताल ज़िले की शीत कालीन राजधानी भी हुआ करता था।

सन् १९०४ में इसे "अधिसूचित क्षेत्र" की श्रेणी में रखा गया और १९०७ में हल्द्वानी को क़स्बा क्षेत्र घोषित किया गया। १९४४ में हल्द्वानी और काठगोदाम कस्बों को एक साथ जोड़कर नगर पालिका परिषद् हल्द्वानी-काठगोदाम का गठन किया गया। २१ मई २०११ को हल्द्वानी-काठगोदाम को उच्चीकृत कर नगर निगम घोषित किया गया, और फिर इसके विस्तार को देखते हुए इसका नाम बदलकर नगर निगम हल्द्वानी कर दिया गया। २०११ की जनगणना के अनुसार देहरादून और हरिद्वार के बाद यह उत्तराखण्ड का तीसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है।

प्रवेश

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सड़कमार्ग से

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हल्द्वानी सड़कमार्ग द्वारा उत्तराखण्ड के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। नगर से गुजरने वाली प्रमुख सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग १०९, तथा उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५ और ४० प्रमुख हैं। दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग ९ (पहले राष्ट्रीय राजमार्ग २४) द्वारा रुद्रपुर तक, और फिर वहां से आगे उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५ के माध्यम से आप हल्द्वानी पहुंच सकते हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग १०९, जिसे नैनीताल रोड, या बरेली-बागेश्वर हाईवे भी कहा जाता है, रुद्रपुर से शुरू होकर पंतनगर, हल्द्वानी, नैनीताल, भवाली, अल्मोड़ा, रानीखेत, द्वाराहाट, चौखुटिया, गैरसैण तथा आदिबद्री होते हुए कर्णप्रयाग तक जाता है। उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५, जिसे रामपुर रोड भी कहा जाता है, हल्द्वानी को मटकोटा और दिनेशपुर होते हुए गदरपुर से जोड़ता है। उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ४० दो अलग अलग मार्गों के नाम से प्रख्यात है; पहला कालाढूंगी रोड, जो हल्द्वानी बाजार से शुरू होकर पश्चिम की ओर कालाढूंगी होते हुए रामनगर तक जाता है, और दूसरा चोरगलिया रोड, जो काठगोदाम से शुरू होकर दक्षिण की ओर चोरगलिया होते हुए सितारगंज तक जाता है।

टैक्सी द्वारा

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हल्द्वानी का टैक्सी स्टेशन भोटियापड़ाव में स्थित है। अन्य क्षेत्रों से उलट यहां टैक्सियां एक निर्धारित रूट पर अलग अलग यात्रियों से भरकर चलती हैं। हल्द्वानी टैक्सी स्टैंड से कुमाऊँ के दूरस्थ क्षेत्रों तक के लिए भी टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं। हल्द्वानी-नैनीताल-भीमताल-भवाली-रामगढ़-मुक्तेश्वर; हल्द्वानी-खैरना-रानीखेत-द्वाराहाट, हल्द्वानी-अल्मोड़ा-कौसानी-बागेश्वर; हल्द्वानी-सेराघाट-बेरीनाग-थल-मुन्स्यारी; और हल्द्वानी-चम्पावत-लोहाघाट-पिथौरागढ़-धारचूला सबसे प्रसिद्ध टैक्सी रूट हैं, जहां के लिए टैक्सियां लगभग हर समय उपलब्ध रहती हैं।

बस द्वारा

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उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित रोडवेज बस स्टेशन हल्द्वानी का मुख्य बस स्टेशन है। हल्द्वानी कोतवाली से कुछ दूरी पर स्थित इस स्टेशन के दो गेट हैं, जहां दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही होती है। यहां से उत्तराखण्ड तथा अन्य राज्यों के लिए अंतर्राज्यीय बस सेवाओं का संचालन होता है। हल्द्वानी से दिल्ली, देहरादून, बरेली, मुरादाबाद तथा जयपुर समेत कई नगरों के लिए यहां से बस सेवाएं हर समय उपलब्ध रहती हैं।

दूसरा मुख्य बस अड्डा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित है। यह कुमाऊं मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (केमू) द्वारा संचालित है। इस स्टेशन से लगभग ३१० बसें जुडी हुई हैं। केमू स्टेशन से अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ के लिए निरंतर बस सेवाएं चलती हैं। इन दोनों के अतिरिक्त गौलापार क्षेत्र में एक आईएसबीटी भी निर्माणाधीन है, जो लगभग ८ एकड़ क्षेत्र में फैला है, और उत्तर भारत का सबसे बड़ा आईएसबीटी है।

रुकें

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हल्द्वानी में रुकने के काफी विकल्प उपलब्ध हैं, आप निम्न में से किसी भी होटल का चयन कर सकते हैं;

  • ब्लू सफायर क्लार्क्स इन्, मानपुर उत्तर, रामपुर रोड,  +91(5946)235201
  • देवाशीष होटल, एनएच 87, नैनीताल रोड (न्यायलय के विपरीत),  +91(5946)224466
  • सिल्वर पैलेस, सिंधी चौराहा, मंगल पड़ाव,  +91(5946)250120

घूमें

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क्योंकि हल्द्वानी की पहचान पारंपरिक तौर पर एक व्यापारिक मंडी एवं परिवहन बिंदु, तथा हाल के दिनों में मुख्यतः एक रिहायशी नगर के रूप में रही है, इसलिए पर्यटन की दृष्टि से यह नगर सदैव उपेक्षित ही रहा है। समय व्यतीत करने के लिए आप नगर के मॉलों या पार्कों में घूम सकते हैं। कालाढूंगी रोड तिराहे के पास स्थित हल्द्वानी के मुख्य बाजार में भी काफी चहल पहल रहती है।

हल्द्वानी में दर्शनीय स्थलों का नितांत अभाव है, हालांकि नैनीताल, भीमताल और हैड़ाखान जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नगर से मात्र 2-3 घंटों की दूरी पर स्थित हैं, और इसलिए समय मिलने पर आप इन जगहों का रुख कर सकते हैं।