जयपुर भारतीय राज्य राजस्थान की राजधानी है जिसे गुलाबी नगर (Pink City) तथा भारत का पेरिस (Paris of India) नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना सवाई जयसिंह ने की थी और यह राजस्थान का सबसे बड़ा शहर है। जयपुर में कई दर्शनीय स्थल हैं जिनमें हवामहल, जयगढ़ दुर्ग, आमेर का किला इत्यादि प्रमुख हैं।
जानें
[सम्पादन]जलवायु
[सम्पादन]इतिहास
[सम्पादन]कैसे पहुंचे
[सम्पादन]हवाई जहाज द्वारा
[सम्पादन]जयपुर में हवाई अड्डे की सुविधा उपलब्ध है। यहाँ से जोधपुर, उदयपुर, औरंगाबाद, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, गोवा, चेन्नई, अहमदाबाद, बैंगलोर, मुम्बई, पुणे और इंदौर के लिए हवाई जहाजें निकलती हैं।
रेल द्वारा
[सम्पादन]जयपुर रेलों द्वारा पूरे भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह राजस्थान के मुख्य शहरों में आता है तथा राजधानी भी है इसलिए यहाँ से रोजाना दिल्ली, आगरा, मुम्बई, अहमदाबाद, जोधपुर, कोटा, अलवर और अजमेर के लिए रोजाना रेलों की सुविधा उपलब्ध है ,इनके अलावा उदयपुर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, बाड़मेर, कोलकाता, जम्मू, पठानकोट, लुधियाना, कानपुर, रुड़की, हरिद्वार, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और भोपाल की भी रेलें रोजाना मिल जाती है। अजमेर शताब्दी (12015) में एसी चेयर कार के लिए नई दिल्ली से जयपुर ट्रेन टिकट का वर्तमान किराया 875 रुपये है। जयपुर से काठगोदाम तक की पहली ट्रेन रानीखेत एक्सप्रेस (15013) है, जो 14:35 के आसपास छूटती है।
बस द्वारा
[सम्पादन]जयपुर राजस्थान की राजधनी है इस कारण यहाँ बसों की बहुत सुविधा है। यहाँ से राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (सरकारी बस) जो रोजाना जयपुर से दिल्ली जाती है। ये बसें वातानुकूलित और बिना वातानुकूलित भी है।
इनके अलावा जयपुर से रोजाना जोधपुर, उदयपुर, अजमेर इत्यादि जिलों के लिए रोज बसें निकलती है जिसमें सरकारी तथा प्राइवेट बसें दोनों है।
कार द्वारा
[सम्पादन]जयपुर से दिल्ली का आना जाना कार से बहुत अच्छा रास्ता है। जयपुर से दिल्ली कार द्वारा मात्र ४ घण्टे में पहुँचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग से गुड़गांव होते हुए दिल्ली पहुँचा जाता है।
दर्शनीय स्थल
[सम्पादन]जयपुर में काफी बड़ी संख्या में दर्शनीय स्थल है जो सम्पूर्ण विश्व में जयपुर ही नहीं अपितु पूरे राजस्थान और भारतभर की शोभा बढ़ाते है। जयपुर में नंबर वन पर्यटन स्थल कौन सा है? जयपुर में नंबर एक पर्यटक स्थल आमेर किला है, जो अपनी प्रभावशाली वास्तुकला और आसपास के क्षेत्र के मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। अब यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जयपुर स्थित जंतर मंतर को जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित पांच खगोलीय वेधशालाओं में सबसे बड़ी माना जाता है। गलता जी जयपुर का एक प्राचीन तीर्थ स्थान है। यह गालव ऋषि की तपोस्थली है। गलता जी स्थित कुंड में स्नान का धार्मिक महत्व है। तीर्थ यात्री यहाँ पवित्र स्नान हेतु आते हैं।
मंदिर
[सम्पादन]जयपुर ज़िले में कई हिन्दू मन्दिर है जिसमें ये शामिल है :-
- बिरला मन्दिर :- बिड़ला मन्दिर, जयपुर, जयपुर, भारत में स्थित एक लक्ष्मीनारायण मंदिर है और भारत में स्थित बिड़ला मन्दिरों में से एक है।
- श्री गलताजी मन्दिर :- राजस्थान के राजसी शान की याद दिलाते, गलताजी मंदिर एक शानदार वास्तुकला है और प्राकृतिक नैसर्गिक सौंदर्य में संलग्न है। यह मंदिर एक रहस्यमय जगह में स्थित सभी पर्यटकों के लिए एक खुशी है। पवित्र मंदिर, बंदरों के एक कबीले से घिरा हुआ है, इस जगह, आंख को पकड़ने और दिलचस्प है, प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए बनाता है।
- गलवार बाग़ (बन्दर मन्दिर) :- गलता जी में बंदरों की एक बड़ी आबादी है, जिसके कारण मंदिर को 'बंदर मंदिर' या 'गलवार बाग' भी कहा जाता है। गलता जी में रीसस मकाक और लंगूर बंदर बंदरों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। मंदिर परिसर में कई पवित्र तालाब हैं जिन्हें स्थानीय रूप से कुंड कहा जाता है और तीर्थयात्री स्नान करके अपने पापों को धोते हैं।
- गोविन्द देवजी का मन्दिर :- जयपुर के परकोटा इलाके में सिटी पैलेस परिसर में गोविंद देवजी का मंदिर स्थित है। गोविंद देवजी जयपुर के आराध्य देव हैं। शहर के राजमहल सिटी पैलेस के उत्तर में स्थित गोविंद देवजी मंदिर में प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में भक्त आते हैं। गोविंद देवजी राज परिवार के भी दीवान अर्थात् मुखिया स्वरूप हैं।
- जैन मन्दिर :- एक जैन मंदिर जिसे तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है, उसे अक्सर तीर्थ कहा जाता है। जैन मंदिर की मुख्य मूर्ति को मूल नायक के नाम से जाना जाता है। मानस्तंभ (सम्मान का स्तंभ) एक स्तंभ है जिसे अक्सर जैन मंदिरों के सामने बनाया जाता है। इसमें उस मंदिर के मुख्य देवता की चार 'मूर्तियाँ' यानी पत्थर की आकृतियाँ होती हैं।
- मोती डुंगरी मन्दिर :- मोती डूंगरी का मतलब है मोती की पहाड़ी, क्योंकि यह पहाड़ी वास्तव में मोती की बूंद जैसी दिखती है। पर्यटक जयपुर के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण धार्मिक मंदिर, प्रसिद्ध गणेश मंदिर में पूजा करने के लिए वहाँ जाते हैं। गणेश मंदिर का निर्माण सेठ जय राम पालीवाल ने 18वीं शताब्दी की शुरुआत में करवाया था।
दुर्ग ,महल तथा संग्रहालय
[सम्पादन]जयपुर ज़िले में कई दर्शनीय महल और दुर्ग भी जिसमें ,
- हवामहल
- सिटी पैलेस
- जल महल
- आमेर दुर्ग
- जयगढ़ दुर्ग
- नाहरगढ़ दुर्ग
- गायतोड़
- ईश्वरी मिनार स्वर्ग साल
- जंतर मंतर
- पन्ना मीणा का कुण्ड
- राम निवास उद्यान
- सिसोदिया रानी पैलेस
- विद्याधर उद्यान
- वन्य जीव उद्यान
- अल्बर्ट हॉल संग्रहालय
- अनोखी संग्रहालय
- सेंट्रल संग्रहालय