पटना भारत के बिहार राज्य की राजधानी है और पूर्वी भारत का दूसरा सबसे बड़ा तथा उत्तरी भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा शहर है।
परिचय
[सम्पादन]पूर्वी भारत का एक प्रमुख शहर होने के साथ ही पटना का ऐतिहासिक महत्त्व भी है। यह पहले पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। लगभग 500 ईसा पूर्व से 400 ईसवी के मध्य के दौर में यह भारतीय उपमहाद्वीप पर विस्तृत कुछ सबसे पहले भारतीय साम्राज्यों की राजधानी रहा है। अजातशत्रु ने गंगा के किनारे स्थित एक छोटे, किन्तु सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम, पाटलिग्राम में एक किला निर्मित करवा कर इसकी नींव रखी और बाद में यह विशाल मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य की राजधानी रहा। कहते हैं, जब गौतम बुद्ध यहाँ पहली बार आये तो उस समय यहाँ लकड़ी का किला और महल अभी निर्माणाधीन अवस्था में ही था और बुद्ध ने इसके भावी स्वर्णिम इतिहास की उसी समय भविष्यवाणी कर दी थी।
गंगा, सोन और पुनपुन नदियों के संगम पर बसा यह शहर व्यापार और सामरिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण था कि गंगा द्वारा उत्तरी मध्य भारत (मध्यदेश) से बंगाल की खाड़ी तक नावों द्वारा बड़ी मात्रा में व्यापार होता था। कुछ ही पश्चिम में गंडक नदी भी उत्तर से आकर गंगा में मिलती है।
मौर्यों और गुप्तों के अतिरिक्त यहाँ से पाल राजाओं ने भी शासन किया और शेर शाह सूरी ने भी। औरंगजेब के पौत्र, अजीमुश्शान ने अठारहवीं सदी में इसका नाम अजीमाबाद रखा। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म भी यहीं हुआ था।
पहुँचें
[सम्पादन]हवाई जहाज से
[सम्पादन]पटना में पटना हवाई अड्डा है जिसे लोकनायक जयप्रकाश हवाई अड्डा के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ के लिए दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बंगलोर, अहमदाबाद, इंदौर और राँची से विमान उपलब्ध होते हैं। एयर इण्डिया, जेट एयरवेज, जेट लाईट और इंडीगो तथा गो एयर जैसी विमानन कंपनियाँ यहाँ के लिए, और यहाँ से, सेवायें संचालित करती हैं।
रेल द्वारा
[सम्पादन]पटना भारत के विभिन्न नगरों और महानगरों से रेल-मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। यह दिल्ली-हावड़ा जैसे प्रमुख और अत्यंत व्यस्त रेल-मार्ग पर स्थित है। गोरखपुर और वाराणसी (मुगलसराय) से भी भली-भांति जुड़ा है। लंबी दूरी की ट्रेन सेवायें मुंबई, पुणे, हैदराबाद इत्यादि शहरों तक जाती हैं।
उत्तर की तरफ़ चलने वाली रेलगाड़ियाँ हाजीपुर जंक्शन पर रुकती हैं जो पटना शहर के विपरीत किनारे पर गंगा के उत्तर में स्थित है। हाजीपुर और पटना के बीच प्रसिद्ध महात्मा गाँधी सेतु है जो असम के ढोला-सदिया पुल के निर्माण से पहले नदी के ऊपर बना भारत का सबसे लंबा पुल था, और अब अब दूसरा सबसे बड़ा पुल है। हालाँकि, हाजीपुर और पटना के बीच, इस पुल से होकर, दूरी मात्र 11 किलोमीटर ही है, ट्रैफिक बहुत होता है और अगर कहीं लंबा जाम लग गया तो आपको 40 मिनट से लेकर 2 घंटे तक का समय भी इस छोटी सी यात्रा में लग सकता है।
नई दिल्ली से
[सम्पादन]- पटना राजधानी एक्सप्रेस (12309/12310) वाया कानपुर, इलाहाबाद
- संपूर्ण क्रांति ऍक्स. (12393/12394) वाया कानपुर, इलाहाबाद
- श्रमजीवी ऍक्स. (12391/12392) वाया लखनऊ, वाराणसी
- मगध ऍक्स. वाया कानपुर, इलाहाबाद
- विक्रमशिला ऍक्स. (12367/12368) वाया कानपुर, इलाहाबाद
- गरीब रथ ऍक्स. (12353/12354) वाया कानपुर, इलाहाबाद
- कोलकाता राजधानी ऍक्स. (12305/12306) वाया कानपुर, इलाहाबाद; कलकत्ता तक।
- उद्यान आभा तूफ़ान मेल (13007/13008) श्रीगंगानगर से, वाया कानपुर, इलाहाबाद; कलकत्ता तक।
- लाल किला ऍक्स. (13111/13112) वाया कानपुर, इलाहाबाद; कलकत्ता तक।
कोलकाता से
[सम्पादन]- जनशताब्दी ऍक्स. (2023/2024)
- दानापुर ऍक्स. (2351/2352)
- गरीब रथ (All AC) (2359/2360)
बंगलुरु से
[सम्पादन]- संघमित्रा ऍक्स. (12295-12296).
मुंबई से
[सम्पादन]- मुंबई सीएसटी-राजेंद्रनगर पटना ऍक्स. (12141/12142)
- मुंबई एलटीटी-राजेंद्रनगर पटना ऍक्स. (13201/13202)
बनारस से
[सम्पादन]- विभूति ऍक्स. (2333/2334)
- मथुरा पटना ऍक्स. (13237/13238) वाया कानपुर।
राँची से
[सम्पादन]- पटना हटिया ऍक्स. (8623/8624) वाया गया, बोकारो स्टील सिटी।
- पटना राँची जनशताब्दी ऍक्स. (2365/2366) वाया गया, बोकारो
रेलवे पूछताछ: 139, 138 अधिक जानकारी के लिए भारतीय रेल की वेबसाइट देख सकते हैं।
शहर में आवागामन
[सम्पादन]पटना शहर में आवागामन के निम्लिखित तरीके हैं।
कार
[सम्पादन]पटना में कुछ कार किराए पर देने वाली सुविधायें उपलब्ध हैं। कुछ अतिरिक्त खर्च करके आपको ड्राइवर की सुविधा भी मिल सकती है। हालाँकि, विदेशी पर्यटकों और उत्तर भारत से बाहर के लोगों के सलाह यही दी जाती है कि आप खुद ड्राइव न करें क्योंकि बिहार और पटना में ख़राब सड़कों, भारी ट्रैफिक और लोगों द्वारा ट्रैफिक नियमों का बहुत कड़ाई से पालन न करने के कारण यह काफी सरखपाऊ काम हो सकता है।
ऑटो रिक्शा
[सम्पादन]ऑटो रिक्शा को यहाँ "टेम्पो" कहा जाता है। शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प साबित होता है। आप अकेले अथवा साझा तरीके से इन्हें रिजर्व भी कर सकते हैं और अलग-अलग रूटों पर चलने वाले टेम्पो में बैठ के भी आवागमन कर सकते हैं अगर आपको भलीभांति पता हो कि आपका गंतव्य किस रूट पर है।
सिटी बस
[सम्पादन]केवल कुछ मुख्य रूट पर ही चलती हैं। टेम्पो से सस्ती पर कम आरामदायक हैं और इनकी संख्या कम होने के कारण आपको प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
साइकिल रिक्शा
[सम्पादन]छोटी दूरियों के लिए यह विकल्प भी बुरा नहीं है। मुख्य रूट के अतिरिक्त अगर आपको कहीं पहुँचना हो तो यह बाकियों से अच्छा विकल्प भी साबित हो सकता है जो आपको अपने गंतव्य तक पहुँचायेग़ा।
घूमें और देखें
[सम्पादन]- 1 बुद्ध स्मृति उद्यान (बुद्धा मेमोरियल पार्क), रेलवे स्टेशन के पास उद्यान पटना जंक्शन के समीप, स्टेशन से बाहर निकल कर सीधे जाने पर कुछ दूरी के बाद बायीं ओर स्थित है। पुराने समय में यहाँ जेल हुआ करती थी। जेल के विस्तृत इलाके को अब पार्क में बदल दिया गया है। शहर कि भीड़ और शोरोगुल से निजात पाने के लिए यहाँ आना एक अच्छा विकल्प है। यहाँ एक समृद्ध और सुव्यवस्थित पुस्तकालय भी है। पार्क में बने स्तूप में वैशाली से लायी गयी बुद्ध स्मृतियाँ (बुद्ध के अवशेष) स्थापित हैं। यह पार्क सोमवार को बंद रहता है। पार्क में प्रवेश का शुल्क ₹10 है और स्तूप तक जाने के लिए आपको ₹50 का टिकट लेना होता है। ₹10, ₹50 स्तूप के लिए.
- 2 गांधी मैदान शहर के बीचोबीच एक बृहदाकार खाली मैदान है। इसका उपयोग राजनीतिक रैलियों और भाषण के लिए होता है। कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि भी यहाँ समय-समय पर आयोजित होते हैं। साल में एक बार यहाँ विशाल पुस्तक मेले का आयोजन भी होता है। अन्य समय में यह मैदान खाली ही रहता है। आप यहाँ सुबह टहलने जा सकते हैं।
- 3 गांधी संग्रहालय गांधी मैदान के समीप ही यह संग्रहालय स्थित है। यहाँ भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बंधित काफी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- 4 गोलघर भारत के अन्य कई शहरों की तरह यहाँ भी अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया गोलघर मौजूद है। शहर के मध्यवर्ती इलाके में यह भवन अंग्रेज कप्तान जॉन ग्रास्टिन द्वारा सेना के लिए रसद सामग्री एकत्रित रखने और शस्त्रागार के लिए बनवाया गया था।
- हरमिंदर साहिब यह एक गुरुद्वारा है। सिख धर्म के लोगों के लिए इसका बहुत ही महत्व है क्योंकि इसी जगह पर दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था। सिखों के लिए यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए खुला रहता है।
- ख़ुदाबख्श ओरिएंटल लाइब्रेरीॆ, अशोक राजपथ
- 5 कुम्हरार पाटलिपुत्र के भग्नावशेष। नगर के 80 स्तंभों (जिन्हें फाह्यान ने 5वीं सदी में शीशे की तरह चमकते हुए होने का विवरण दिया है) वर्तमान में केवल एक बचा है।
- 6 महात्मा गांधी सेतु गंगा नदी पर बना प्रमुख पुल जो पटना को हाजीपुर से जोड़ता है।
- 7 महावीर मंदिर (पटना जंक्शन के निकट)
- 8 पत्थर मस्जिद शाह जहाँ के बड़े भाई परवेज़ द्वारा निर्मित, पहला मुग़ल राजकुमार जिसने बिहार को अपना आवास बनाया।
- 9 पटना चिड़ियाघर (संजय गाँधी जैविक उद्यान)
संग्रहालय
[सम्पादन]- 10 बिहार म्यूजियम
- 11 गांधी स्मृति संस्थान (गांधी स्मारक संग्रहालय) (गांधी मैदान के उत्तर-पश्चिम में)
- 12 इंदिरा गाँधी तारामंडल, Bailey Rd एशिया के सभसे बेहतरीन और बड़े तारामंडलों में से एक। यहाँ काफ़ी संख्या में देशी एवं विदेशी सैलानी आते हैं। यहाँ खगोलिकी से जुड़ी फ़िल्में भी दिखाई जाती हैं और अन्य प्रदर्शनियाँ भी आयोजित की जाती है।
- 13 पटना म्यूज़ियम यहाँ पर लगभग 50,000 दुर्लभ कलाकृतियाँ रखी हैं, इनमें से बहुत सारी भारत के प्राचीन एवं मध्य युग की हैं जबकि ब्रिटिश काल की कलाकृतियाँ भी इनमे शामिल हैं। गौतम बुद्ध के अंतिम अवशेष एक पवित्र पेटिका में रखे हैं जिन्हें अवश्य देखें। इसके अतिरिक्त यक्षिणी की सुंदर मूर्ति अवश्य देखने योग्य है। विदेशी सैलानियों के लिए ₹250 भारतीय लोगों के लिए ₹10 अतिरिक्त ₹250 यदि आप पवित्र पेटिका देखना चाहें।.
धार्मिक स्थल
[सम्पादन]- 14 काली मंदिर-दरभंगा हाउस (पटना विश्वविद्यालय के परिसर में गंगा नदी के किनारे) शहर में काली देवी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक
- 15 पादरी की हवेली (पादरी का मिशन) बिहार के सबसे पुराने चर्च में से एक। जब रोमन कैथोलिक लोग यहाँ आये 1713 में उन्होंने एक छोटा चर्च स्थापित किया।
- वैशाली स्तूप बौद्ध धार्मिक स्थल। सबसे पुराने स्तूपों में से एक। मुख्य शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है।
- बड़ी पाटनदेवी मंदिर शहर में मुख्य भाग में मौजूद हिंदू मंदिर है। यह और छोटी पाटन देवी मंदिर इस शहर का नाम पटना रखे जाने का कारण बताये जाते हैं।
खाना
[सम्पादन]उत्तर भारतीय खाना सबसे प्रचलित भोजन है जिसमें चावल, दाल और सब्जियाँ प्रमुख होती हैं। चावल प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहाँ रोटी का प्रचलन चावल की तुलना में कम अवश्य है परन्तु यह सभी जगह उपलब्ध होती है। लगभग हर शहर-कसबे में आपको "थाली" के रूप में एक पूरा भोजन उपलब्ध होता है। थाली के अलावा, पनीर के विविध व्यंजन उपलब्ध होते हैं। आप अपनी पसंद कि पनीर की सब्जी, रोटी नान इत्यादि चुनकर अपना कोम्बो बना सकते हैं।
अन्य प्रमुख खाने निम्नलिखित हैं:
- लिट्टी-चोखा - आटे की गोल लोइयों में भुने चने का पिसा हुआ सत्तू मसालों के साथ मिला कर भरा जाता है और इसे उपले की आग पर सेंका जाता है, इसे लिट्टी, भउरी अथवा छोटे आकर की होने पर फुटेहरी कहते हैं। आलू और बैंगन को भूनकर मसालों के साथ उसका चोखा बनाया जाता है। यह यहाँ का आम प्रचलित खाना है सड़कों के किनारे ठेले पर मिल सकता है।
- सत्तू - मुख्यतः जौ और चने को भूनकर पीसा हुआ आटा होता है। इसे सीधे पानी में सान कर भी खाया जाता है या घोल कर पेय के रूप में भी पीते हैं।
- चिउड़ा-दही (या दही-चूड़ा) - धान के चिवड़े (पोहे) को ताजी दही के साथ खाया जाता है। मिथिला और भोजपुरी क्षेत्र में काफी प्रचलित है।
- पूरी-सब्जी - सुबह के नाश्ते में काफी लोकप्रिय है।
पीना
[सम्पादन]स्थानीय पेय में सत्तू-पानी काफी प्रचलित है जो भुने चने और भुने अनाजों को पीस कर बनाए गए सत्तू को पानी में घोल कर बनाया जाता है। यह नमकीन पेय है और गर्मियों में काफी प्रचलित है। इसके अलावा दही को फेंट कर मेवों के साथ बनाई गई लस्सी भी काफी प्रचलित पेय है।
- कंट्री क्लब इंटरनेशनल, पाटलिपुत्र कालोनी
- ममता अनारकली, डाकबंगला चौराहा के पास
- ममता रेजीडेंसी, डाकबंगला चौराहा के पास
- ओएसिस, बोरिंग रोड
- पिंड बलूची (पिंड बलूची रेस्टोरेंट एंड बार), रिवाल्विंग फ्लोर, बिस्कोमान भवन, गाँधी मैदान, पटना (गाँधी मैदान के सामने) एक प्रसिद्ध रेस्तरां शृंखला है।
- दि पर्पल लाउंज, एस पी वर्मा रोड
- दि वेलासिटी, डाकबंगला चौराहा के पास
सोना
[सम्पादन]पटना एक तेजी से विकसित होता शहर है और यहाँ रात्रि विश्राम के लिए मिलने वाले होटल प्राप्त सुविधाओं के हिसाब से महँगे हैं। तात्पर्य यह कि ज्यादातर होटल यात्रियों से भरे रहते हैं और इसीलिए सुविधाओं पर कम ध्यान देते हैं क्योंकि माँग अधिक है।
सस्ते और बजट होटल
[सम्पादन]- कंट्री क्लब इंटरनेशनल , पाटलिपुत्र कालोनी
- हेरिटेज रीजेंसी, वाईट हाउस, बुद्ध मार्ग, भूमि विकास बैंक के पास, रेलवे स्टेशन से 0.5 किमी की दूरी पर
- होटल आदर्श, पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास
- होटल आकाश , फ्रेज़र रोड
- होटल आनंद रीजेंसी, पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास
- होटल क्लार्क इन्न, जमाल रोड
- होटल मगध, भट्टाचार्य रोड, नया टोला चौराहा
- होटल मैरीना , फ्रेज़र रोड
- होटल मयूर , फ्रेज़र रोड
- होटल नंद, भट्टाचार्य रोड, नया टोला चौराहा
- होटल नेश इन्न, नंदिनी अपार्टमेन्ट, 28-किदवईपुरी, पटना (इनकम-टैक्स गोलचक्कर के पास), ☎ +91 612 2522269 ₹1900-₹4700.
- होटल न्यू आकाश , फ्रेज़र रोड
- होटल प्रेसिडेंट, फ्रेज़र रोड
- महाराजा इन्न, स्टेशन रोड, राजेंद्र पथ
- ममता रीजेंसी , फ्रेज़र रोड
- मारवाड़ी आवास गृह, डाकबंगला चौराहा
Other budget accommodation can be found on the road leading from the train station down towards the Mithapur bus stand. Very basic rooms start at ₹400.