कानपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर तथा उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यह शहर इसके रासायनिक (उर्वरक एवम् अपमार्जक द्रव्य), कपड़ा और चमड़े के उद्योगों के लिए जाना जाता है। आज़ादी से पहले के काल में यह एक महत्वपूर्ण ब्रितानी गैरिसन था।
जानकारी
[सम्पादन]कानपुर गंगा नदी के तट पर स्थित एक प्रमुख औद्योगिक व व्यावसायिक शहर है। इस महानगर का क्षेत्रफल 403.70 वर्ग किमी है तथा 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की आबादी करीब २९ लाख है। इस लिहाज से यह भारत का बारहवाँ सबसे बड़ा नगर है। कानपुर शहर यहाँ पर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर), छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएम विश्वविद्यालय), हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) व गणेश शंकर विद्यार्थी स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय (जीएसवीएम चिकित्सा महाविद्यालय) जैसे इसके कई शिक्षण संस्थानों के लिये भी जाना जाता है।
कैसे पहुँचे
[सम्पादन]रेल द्वारा
[सम्पादन]भारतीय रेल के राष्ट्रस्तरीय संजाल पर एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में यह शहर अन्य सभी जगहों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देश में व्यस्ततम कोलकाता-दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित होने के कारण कई राजधानी गाड़ियाँ (जिसमें हावड़ा राजधानी, डिब्रुगढ़ राजधानी तथा भुवनेश्वर राजधानी शामिल हैं) यहाँ से होकर जाती है। दिल्ली और कानपुर के बीच एक शताब्दी एक्सप्रेस भी चलती है।
नगर के प्रमुख रेलवे स्टेशन
- 1 कानपुर सेन्ट्रल - नगर का सबसे प्रमुख रेलवे स्टेशन यही है। यह दिल्ली, हावड़ा (कोलकाता के निकट), मुम्बई, चेन्नई, मथुरा, आगरा, अहमदाबाद, ओखा, गोरखपुर तथा अन्य प्रमुख नगरों से सीधे जुड़ा हुआ है। यहाँ पर शताब्दी, राजधानी जैसी प्रीमियर रेलगाड़ियाँ भी 5 से 10 मिनट तक रुकतीं हैं।
- 2 कानपुर अनवरगंज - यह कानपुर का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है। यहाँ से कन्नौज, फरुखाबाद व कासगंज के लिये पैसेंजर गाड़ियाँ मिलती है। इसके अतिरिक्त यहाँ से चौरी-चौरा एक्सप्रेस भी चलती है जो वाराणसी के रास्ते गोरखपुर तक जाती है।
- गोविन्दपुरी - यह एक हाल्ट रेलवे स्टेशन है जहाँ कुछ चित्रकूट मानिकपुर इटावा व झाँसी जाने वाली ट्रेने रुकती है। यह नगर के दक्षिणी भाग में स्थित है।
- पनकी - यह दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर स्थित है। प्रमुख ट्रेनों में कानपुर से दिल्ली के मध्य चलने वाली गाड़ी संख्या 12451/52 श्रमशक्ति एक्सप्रेस का यहाँ ठहराव है।
हवाई मार्ग द्वारा
[सम्पादन]कानपुर में चकेरी स्थित अहिरवा हवाई अड्डा है जहाँ वर्तमान में स्पाइसजेट की प्रतिदिन दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई के लिये उड़ान है। यहाँ से अन्य निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जहाँ से सामान्यतः लोग सड़क मार्ग द्वारा कानपुर आते हैं। लखनऊ से कानपुर की दूरी 80 किमी है जो सड़क मार्ग द्वार सामान्यतः 2:30 में पूरी होती है।
सड़क मार्ग द्वारा
[सम्पादन]कानपुर दिल्ली, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, भोपाल तथा अन्य नगरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहाँ का प्रमुख बस अड्डा झकरकटी बस अड्डा है जहाँ से दिल्ली, आगरा, जयपुर व लखनऊ के लिये वॉल्वो प्रकार की बस सेवा भी उपलब्ध है।
भ्रमण के साधन
[सम्पादन]बस द्वारा
[सम्पादन]नगर में सिटी बसें यूपीएसारटीसी तथा जेएनयूआरएम द्वारा संचालित होती हैं। इनका किराया ऑटोरिक्शा की तुलना में कम भी है। इसके अतिरिक्त कुछ लो-फ्लोर एसी बसें भी कल्याणपुर-मॉल रोड के रास्ते पर चलती हैं, जो अन्य बसों से अधिक आरामदेह व तुलनात्मक मंहगी है। इसके अतिरिक्त कुछ निजी बस संचालक भी अपनी बसे नगर में चलाते हैं।
ऑटोरिक्शा द्वारा
[सम्पादन]यहाँ पर ऑटोरिक्शा व टेम्पो,जिसे स्थानीय नागरिक विक्रम कहते हैं, चलते हैं। विक्रम यहाँ पर आवागमन का सबसे सस्ता माध्यम है पर यात्रा के अनुसार सुविधाजनक नहीं है। इनका किराया बंधा हुआ है, जिसमें 10 लोग तक एक साथ सफ़र करते हैं। यहाँ के ऑटोरिक्शा की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है और यह बिना किराये वाले मीटर के चलते हैं। आपको इनसे मोलभाव करना पड़ सकता है।
ई-रिक्शा तथा साइकिल रिक्शा
[सम्पादन]यहाँ पर ई रिक्शा व साइकिल रिक्शा के लिये कोई भी निर्धारित पथ नहीं है। ये आपको कहीं भी बड़ी या छोटी सड़कों पर मिल सकते हैं।
टैक्सी द्वारा
[सम्पादन]यहाँ पर ऑनलाइन टैक्सी सेवा ओला के द्वारा प्रदान की जाती है जिसकी नगर में आवृत्ति अच्छी है। इसके अतिरिक्त होटल व ट्रेवल एजेंसी द्वारा भी निजी टैक्सी की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।
मेट्रो ट्रेन द्वारा
[सम्पादन]इसका निर्माण जारी है कुछ समय के बाद इसकी भी सुविधा मिल जायेगी ये रावतपुर घंटाघर झकरकटी जैसे कही जगाए रुकेगी
दर्शनीय स्थल
[सम्पादन]- 1 एलेन फ़ॉरेस्ट प्राणी उद्यान (कानपुर प्राणी उद्यान) (कानपुर सेन्ट्रल - 9 किमी, परेड - 6 किमी, बड़ा चौराहा - 7 किमी), ☎ +91 8765974100, +91 512 2560257 यह देश तीसरा सबसे बड़ा प्राणी उद्यान है। यह 76.56 हेक्टेयर इलाके में विस्तृत है। यह प्राकृतिक जंगलों के मध्य ही बसाया गया है। यहाँ के सभी प्राणियों प्राकृतिक आवास दिया गया है। यहाँ पर तेंदुआ, शेर, हिरण, बाघ, अनेक प्रकार के पक्षी मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त एक हिरण सफारी भी है। टॉय ट्रेन द्वारा भी पूरे प्राणी उद्यान के दर्शन किये जा सकते हैं। यह प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है।
- 2 गंगा बैराज यह पुराने कानपुर स्थित गंगा पर बना एक बैराज है। यहाँ पर गंगा का मनोरम दृश्य दिखायी देता है। यहाँ बोटिंग क्लब भी है।
- 3 इस्कॉन मंदिर, सिंहपुर, मैनावती मार्ग, ☎ +91 7080007011 यह बिठूर जाने वाले मैनावती मार्ग पर स्थित एक राधा कृष्ण मंदिर है। यहाँ एक बड़ी गौशाला भी है।
- 4 राधा कृष्ण मंदिर (जे॰ के॰ मंदिर), गुमटी न॰ 5 (मुख्य द्वार) व पांडू नगर यह कानपुर का एक पुराना तथा बड़ा मंदिर है। यहाँ भगवान राधा-कृष्ण, भगवान राम, भगवान हनुमान, भगवान शिव जी विराजमान हैं। यह रात के समय रोशनी के कारण इसका एक अलग ही विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। कानपुर आयें तो यह स्थान घूमना न भूलें।
- 5 कानपुर संग्रहालय फूलबाग स्थित इस संग्राहलय का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था। यहाँ पर बहुत सी पुराने चित्र, पुस्तकें व हथियार देखनें को मिलेंगे।
- 6 मैस्कर घाट यह भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, 1857 से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ पर 1857 में क्रांति के दौरान क्रांतिकारियों ने बहुत से अंग्रेजी अफसरों को गंगा नदी में नाव से इलाहबाद जाते समय गोलियों से भून दिया था।
- 7 नाना राव पार्क, मॉल रोड यह वही स्थान है जहाँ स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, 1857 के दौरान फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया था। इसके अतिरिक्त 1857 क्रांति के बहुत से क्रांतिकारियों को भी यहाँ फांसी दी गयी है।
- 8 कानपुर मेमोरियल चर्च, एल्बर्ट लेन, कैन्ट यह अंग्रेजों द्वारा स्थापित एक प्रसिद्ध गिरजाघर है।
बिठूर
[सम्पादन]यह स्थान नगर से लगभग 20 किमी दूर गंगा नदी के तट पर बसा है। यहाँ जाने के लिये आपको सिटी बसें व ऑटोरिक्शा मिलेंगे। यहाँ के मुख्य दर्शनीय स्थल निम्न हैं -
- 9 ब्रह्मावर्त घाट यह एक एतेहासिक घाट है। इस स्थान का उल्लेख वेदों व पुराणों में भी मिलता है। यहाँ पर प्रसिद्ध ब्रह्मा खूँटी है जो कि पुष्कर के बाद एकमात्र उत्तर भारत का ब्रह्मा मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यह स्थान ही ब्रह्मांड का केन्द्र है। यहाँ पर गंगा में नौका भी चलती हैं।
- 10 वाल्मीकि आश्रम (लव कुश आश्रम) रामायण में उल्लेखित वाल्मीकि आश्रम यही है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के पुत्र लव व कुश का जन्म यहीं हुआ था साथ ही सीता समाहित स्थल भी यहीं है जहाँ सीता जी भूमि में समाहित हो गयी थी।
- 11 नानासाहेब स्मारक पार्क (नानासाहेब पेशवा का किला) प्रातः 9 बजे से शाम 5 बजे तक. प्राचीन रूप से यह 1857 के स्वातंत्रय संग्राम का कानपुर में नेतृत्व कर रहे नानासाहेब पेशवा द्वितीय का किला था मगर अत्यधिक जर्जर हो जाने पर 2005 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका जीर्णोद्धार कराया तथा आसपास के क्षेत्र को पिकनिक स्थल बनाने के उद्देश्य से एक अत्यंत मनोरम पार्क का निर्माण कराया। यहाँ पर नौका विहार की भी सुविधा उपलब्ध है।
- 12 सिद्धिधाम आश्रम (बिठूर से 3 किमी) यह सुधांशु जी महाराज का आश्रम है। यहाँ पर एक बड़ा मंदिर भी है। इसके अतिरिक्त कृत्रिम कैलाश पर्वत का भी निर्माण किया गया है जहाँ पूरा भगवान शिव का परिवार विराजमान है। संध्या काल में यह स्थान अत्यंत मनोरम दिखायी पड़ता है। इसी कृत्रिम पर्वत के अन्दर गुफा भी है। अन्दर कैमरा ले जाना मना है परन्तु मोबाइल के लिये कोई मनाही नहीं है।
- 13 ध्रुव टीला यह प्राचीन एतेहासिक महत्व का टीला है।