इस लेख के लिए GPX फ़ाइल डाउनलोड करें
विकियात्रा से

श्रीलंका हिन्द महासागर से चारों ओर से घिरा हुआ एक द्वीप पर बसा हुआ देश है। इसके उत्तर में भारत है, इसके अलावा इसके आसपास कोई भी देश नहीं है। इसका अंतर्राष्ट्रीय इतिहास भी काफी बड़ा है। यह सार्क की स्थापना करने वाले सदस्यों में से भी है। यह 22 मई 1972 तक गुलाम देश रहा और उसके बाद इसे आजादी मिली। यह तीस वर्षों तक गृह युद्ध में फंसा रहा और 2009 में यह समाप्त हुआ।

क्षेत्र[सम्पादन]

आधिकारिक तौर पर श्रीलंका को 9 भागों में बाँटा गया है:

रंग-कोड के साथ श्रीलंका के प्रान्तों का मानचित्र
मध्य प्रांत (कैंडी, मताले, नुवारा इलिया, सिगिरिया, दम्बुल्ला)
इस इलाके में पहाड़ियाँ हैं और इस क्षेत्र को "पहाड़ी इलाका" भी कहा जाता है। यहाँ तीन अलग अलग सुरक्षा क्षेत्र है, जिसमें पहाड़ी इलाका, जंगली इलाका और राष्ट्रीय उद्यान शामिल है। जिन लोगों को पहाड़ों में चढ़ने में मजा आता है, उनके लिए यह काफी अच्छा जगह है। आप जंगली क्षेत्र में जाने के लिए रेल का उपयोग भी कर सकते हैं, लेकिन उसमें भी बस की तरह ज्यादातर भीड़ ही होती है। बस आपको 100 रुपये में तीन घंटे में यहाँ तक ले जा सकता है।
उत्तरी प्रान्त (जाफना, किलिनोच्चि, वान्नी, मन्नार)
तमिल बहुल इलाका, युद्ध के बाद यहाँ पुनर्निर्माण के काम जारी है। इस श्रीलंका के दक्षिणी प्रांत को कई सदियों से तमिल देश के नाम से भी जाना जाता है। इसमें से अधिकांश भाग तमिल शेरों के अधिकार में है। इसमें कई नदियाँ, झरने और जंगल है, जिसे अभी तक नहीं देखा गया है। यहाँ की अधिकतर आबादी शिविरों में ही रहती है।
उत्तर मध्य प्रान्त (अनुराधापुर, पोलोन्नारुव)
श्रीलंका की प्राचीन राजधानी, ढाई हजर साल से लम्बे इतिहास क गवाह यह इलाका सांस्कृतिक त्रिभुज भी कहलाता है। यहाँ अनुराधापुरा भी है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में जगह भी मिली है। यह पहले सिंहला साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। वर्ष 1100 में इसकी राजधानी को दक्षिण में ले जाया गया था।
पूर्वी प्रान्त (त्रिंकोमाली, बत्तिकालोआ, अरुगम खाड़ी)
यहाँ प्राकृतिक बंदरगाह त्रिंकोमाली है और लम्बे समुद्र तट और बीच हैं जिन्हें सर्फिंग करने वालों का स्वर्ग कहा जाता है।
उत्तर पश्चिम प्रान्त (कुरुनेगाला, पुट्टलम, चिलाव)
नारियल के बागान, डॉल्फिन निहारना और नमक संग्रह के लिए मशहूर है।
सबरंगमुआ (रतनपुर)
श्रीलंका का रत्न खनन क्षेत्र। इसे रत्न-राजधानी कहते हैं।
दक्षिणी प्रान्त (गाले, वेलिंगम, मतारा, तांगाले, उनवतुना, हब्बनटोटा, याला राष्ट्रीय पार्क)
यहाँ याला और उड़वालव राष्ट्रीय उद्यानों के वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। 2004 में आए सुनामी ने इस क्षेत्र को बहुत गंभीर रूप से प्रभावित किया था, उसके बाद इसके पुनर्निर्माण का कार्य फिर से शुरू किया गया।
उवा (बादुल्ला, हपुताले, बंदरवेला)
ये श्रीलंका का दूसरा सबसे कम आबादी वाला प्रांत है। यहाँ उच्च भूमि, चाय के बागान आदि हैं।
पश्चिमी प्रान्त (श्री जयवर्धन कोट्टे, बेरुवेला, कोलम्बो, गाम्पहा, नेगोम्बो)
ये प्रांत पूरे देश का सबसे घनी आबादी वाला प्रांत है। इसी प्रांत में प्रशासनिक और व्यापार का केंद्र माने जाने वाला कोलंबो भी है और देश की राजधानी श्री जयवर्धनिपुरा कोटे भी यहीं स्थित है। ये प्रांत उन्नीसवीं सदी से उपस्थित है, लेकिन आधिकारिक रूप से इसे 1987 के बाद मान्यता प्राप्त हुई। कई बार बारिश के औसत में वृद्धि और भारी बारिश होने के कारण यहाँ बाढ़ आ जाता है, जिसका काफी प्रभाव बुनियादी सुविधाओं पर पड़ता है।

शहर[सम्पादन]

नक्शा
श्रीलंका का नक्शा
  • श्री जयवर्धनपुर कोट्टे — श्रीलंका की नई बनी राजधानी।
  • अनुराधापुर — प्राचीन राजधानी के अवशेष (कुछ का जीर्णोद्धार किया गया है); यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर धोषित।
  • बट्टिकलोवा — इसे "गाती हुई मछलियों का देश" भी कहते हैं। खूबसूरत छिछले समुद्र तट, धान के हरेभरे खेत और ऐतिहासिक स्थल देखने लायक हैं।
  • कोलम्बो — लंका की वाणिज्यिक राजधानी और सबसे बड़ा शहर। होटल, कैफे, रेस्तरां, नाइट क्लब, और ढेर सारी शॉपिंग।
  • गाल — प्रसिद्ध डच किला। साहित्य सम्मलेन के लिए प्रसिद्ध। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
  • जाफना — उत्तरी राज्धानिल्ल तमिल समुदाय के लोग के देखने लायक संस्कृति और विरासत।
  • कैंडी — देश का आध्यात्मिक ह्रदय। यहाँ गौतम बुद्ध का दांत रखा हुआ है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
  • निगोम्बो — सुन्दर दृश्यावली और खूबसूरत नीले सागर।
  • नुवारा इलिय — छोटा इंग्लैण्ड। ठंडा मौसम और विक्टोरियन भवन शैली, रेस के आयोजन।

परिचय[सम्पादन]

इतिहास[सम्पादन]

अनुराधापूरा साम्राज्य की स्थापना वर्ष -380 में की गई थी। उसके बाद अनुराधापूरा लगभग 1,400 वर्षों तक देश की राजधानी था।

16वीं सदी में इसे पुर्तगालियों ने अपने अधिकार में ले लिया था और 17वीं सदी में इसे डच ने अपने अधिकार में ले लिया। उसके बाद 1796 में डच ने इसे अंग्रेजों को दे दिया। इसके बाद 1802 में ये अंग्रेजों का एक प्रमुख उपनिवेश बन गया। इसे 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिल गई और इसने 1972 में अपने देश का नाम श्रीलंका रख लिया।

मौसम[सम्पादन]

सिंहराजा जंगल में सुबह के समय का दृश्य

श्रीलंका के उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण आप यहाँ वर्ष के किसी भी समय अधिकांश भागों में वर्षा होने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि साल में यहाँ दो ऐसे समय आते हैं, जब यहाँ मुख्य रूप से बारिश होती है। इनमें से एक समय "उत्तर-पूर्व मानसून" है, जो अक्टूबर से जनवरी तक रहता है और दूसरा "दक्षिण-पश्चिम मानसून" है, जो मई से जुलाई तक रहता है।

यात्रा[सम्पादन]

वीजा[सम्पादन]

पर्यटन वीजा सभी देश के लोग आसानी से ऑनलाइन ले सकते हैं, लेकिन यह सुविधा मालदीव और सिंगापुर के लोगों के पास उपलब्ध नहीं है। पर्यटन वीजा आपको देश में 30 दिन तक रुकने की इजाजत देता है और स्वीकार करने के छः महीने तक वैध रहता है। इसके लिए आप देश में आने से पहले ही आवेदन कर सकते हैं और सारा काम ऑनलाइन ही हो जाता है। 2016 के कीमत अनुसार, वीजा की कीमत सार्क देशों के लिए $20 अमेरिकी डॉलर है और अन्य देशों के लिए $35 अमेरिकी डॉलर रखा गया है। सार्क देशों में नेपाल, भारत, भूटान, पाकिस्तान और बांग्लादेश आता है।

इसके अलावा आप बिना विद्युतीय यात्रा अनुमति के भी बन्दरानाइके अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से पर्यटन वीजा प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको $40 अमेरिकी डॉलर लगेंगे। श्रीलंका में विमान या नाव से आने से पूर्व ऑनलाइन वीजा लेना जरूरी नहीं है। आप बिना किसी वीजा के यहाँ आ सकते हैं और वहीं से ही पर्यटन वीजा प्राप्त कर सकते हैं।

कोलंबो हवाई अड्डे में अप्रवास अधिकारियों को ऑनलाइन प्राप्त होने वाली आपके यात्रा की अनुमति में पासपोर्ट संख्या की जानकारी को मिलाने में वे बहुत सटीकता चाहते हैं। यदि थोड़ी सी भी त्रुटि या एक अंक की गलत जानकारी दिखी तो उसके कारण आपको वे लोग नया वीजा लेने कहेंगे और आपको सरकारी कार्यालय में आपके ऑनलाइन भुगतान की वापसी के लिए भेज देंगे। इस कारण आपको 1 और I व शून्य और O पर अच्छी तरह ध्यान देना होगा। संख्या का आपके पासपोर्ट में मशीन के पढ़ने वाले हिस्से में दिये संख्या से मेल खाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा और उसमें कुछ नहीं होना चाहिए।

वीजा विस्तार[सम्पादन]

सितम्बर 2015 के अनुसार वीजा के विस्तार का शुल्क

आप वीजा विस्तार कर के देश में 2 महीने और रह सकते हैं। वीजा लेते समय आपको 30 दिन का समय मिल जाता है। इस तरह से आप आसानी से तीन महीने तक रुक सकते हैं। आप वीजा के विस्तार के लिए कभी भी अनुरोध कर सकते हैं। आप जैसे ही देश में आ जाते हैं तब से लेकर वीजा के समाप्ति से पहले तक कभी भी आप इसका अनुरोध कर सकते हैं। इसके अलावा और तीन महीने का समय भी आपको मिल सकता है। जिससे आप कुल 6 महीने तक देश में रह सकते हैं। लेकिन इसके विस्तार हेतु आपको और एक बार पैसा देना पड़ेगा। उस विस्तार की रकम के साथ साथ आपको 10,000 का अतिरिक्त रकम भी देना होगा। यह विस्तार केवल विभाग के मर्जी के ऊपर निर्भर करता है और इसके लिए आपको 15,000 और विस्तार करने का रकम अलग से देना होगा।

विभाग ने मूल्य को अमेरिकी डॉलर में निर्धारित किया है, लेकिन आपको भुगतान करते समय श्रीलंकाई रुपये में ही रकम देना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में आपको अपना पासपोर्ट और आगे का टिकट भी विभाग के कार्यालय में देना पड़ेगा। इससे आप पासपोर्ट के समाप्ति तिथि से पहले तक कम से कम दो महीने रुक सकते हो।

विमान द्वारा[सम्पादन]

यदि आप अमेरिका से श्रीलंका आना चाहते हैं, तो आपको कोई भी सीधी उड़ान नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप से कोई विमान द्वारा आना होगा। अमेरिकी पश्चिम तट से इसकी दूरी लगभग आधे दुनिया को पार करने के समान है। आप अपने आवश्यकता और समय के हिसाब से यूरोप या दक्षिण-पूर्व एशिया में आ सकते हैं और वहाँ से किसी सीधी उड़ान द्वारा श्रीलंका में सा सकते हैं। आप एक सीधी उड़ान द्वारा सिकागो, नेवार्क, न्यू यॉर्क या टोरंटो से नई दिल्ली या मुंबई में आ सकते हैं। कई मामलों में ये मार्ग सबसे तेज है, बस इसका ध्यान रखें कि हो सकता है आपके लिए भारतीय यात्रा वीजा अनिवार्य तो नहीं है। इसका एक और तेज और आसान तरीका ये हो सकता है कि आप अमेरिका से ही कतर, बहरीन, या संयुक्त अरब अमीरात हेतु सीधी विमान यात्रा कर लें, इसके लिए यात्रा वीजा की अनिवार्यता नहीं है। उदाहरण के लिए, दुबई में स्थित अमीरात विमान आपको हर दिन विमान यात्रा की सुविधा एसएफ़ओ, एलएएक्स, ह्यूस्टन हॉबी और टोरंटो से बस एक ही जगह थोड़ी देर दुबई में रुक कर आपको दो से तीन बार कोलंबो ले जा सकती है।

रेल द्वारा[सम्पादन]

नाव द्वारा[सम्पादन]

भारत के कन्याकुमारी से श्रीलंका के लिये नावयात्रा की सेवा उपलब्ध है।

देखें[सम्पादन]

श्रीलंका का ज्ञात इतिहास 2,500 सालों से भी अधिक का है। श्रीलंका में कुल 8 पर्यटक स्थलों को विश्व धरोहर की सूची में जोड़ा गया है। यदि भारत के 30 विश्व धरोहरों को छोड़ दिया जाये, तो ये पूरे दक्षिण एशिया में सबसे अधिक विश्व धरोवर वाला देश है। कृपया इस बात का ध्यान रखें कि श्रीलंका में विदेशियों को पर्यटक स्थलों में स्थानीय लोगों की तुलना में दस गुना तक अधिक पैसा लग सकता है।

खरीदें[सम्पादन]

मुद्रा[सम्पादन]

मुद्रा परिवर्तन मूल्य

  • अमेरिकी $1 ≈ Rs150
  • €1 ≈ Rs160
  • UK£1 ≈ Rs180
  • भारतीय ₹1 ≈ Rs2.2

मुद्रा परिवर्तन का मूल्य जनवरी 2017 के अनुसार है।

श्रीलंका की मुद्रा श्रीलंकाई रुपये है, जिसे "රු" या "Rs" के चिह्न के रूप में दिखाया जाता है। यहाँ 25 और 50 पैसे के तांबे के सिक्के होते हैं, एक रुपये का सिक्का पुराना वाला बड़ा और चाँदी का होता था और बाद में नया वाला काफी छोटा और सोने का बना होता है। 2 रुपये (चाँदी) और 5 रुपये (सोने का) होता है। नोट में 10 से 5000 तक के नोट हैं। सिक्के जो कुछ वर्ष पुराने हैं, उनका हालत काफी खराब हो चुका है।

खर्च[सम्पादन]

दक्षिण पूर्व एशिया से यह थोड़ा ज्यादा ही महंगा है, लेकिन आपको खाना आपको सस्ता मिलेगा। सड़कों पर आपको €1 में कुछ खाने की चीजें, स्थानीय भोजनालय में €2-5 देने पर भोजन, €1 एक बोतल बियर भी मिल जाएगा। सभी जगह आपको होटल या रहने का स्थान मिल जाएगा और रकम, वहाँ उपस्थित सामान के हिसाब से €10-20 के आसपास होगी। तटीय इलाकों में कई सारे होटल पिछले साल €20-30 हर रात के लिए ले रहे थे, जिसमें दो कमरे भी शामिल हैं। अधिक आराम दायक जगह के लिए आपको €40 से भी अधिक देना होगा।

खाना[सम्पादन]

दूध वाला चाँवल
चिकन कोट्ठू

यहाँ श्री लंकाई खाने के साथ साथ दक्षिण भारतीय खाना भी आम तौर पर मिल जात अहै। कई सारे स्थानीय भोजनालय श्री लंकाई और दक्षिण भारतीय खाने के रूप में भोजन सूची प्रस्तुत करते हैं। इसमें कई तरह के अलग अलग प्रकार भी होते हैं।

श्री लंकाई खाने में बहुत अधिक मसाला होता है, लेकिन आपके पास विकल्प भी है कि आप उन्हें कम मसाला वाला भोजन देने हेतु भी बोल सकते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यहाँ दायें हाथ से ही खाना खाया जाता है। लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं है आपको काटने आदि के लिए भी सुविधा दी जाती है, यदि आप दायें हाथ से नहीं खा सकते तो, पर यह लगता कठिन है, पर उतना है नहीं।

  • कोट्टु या कोथु रोटी - यह रोटी ही है, लेकिन इसमें सब्जी और आपके पसंद अनुसार मटन मिला कर बनाया जाता है। यह सभी के लिए होता है। श्रीलंका में इसे नए तरह से बनाया जाता है, जिसमें सबसे अच्छा रोटी सड़क पर ताजा ताजा बनाया जाता है। लेकिन इस तरह के कोट्टु रोटी आपको भोजनालय में भी मिल सकते हैं, लेकिन हाल ही में कुछ इस तरह के भोजनालयों को बंद कर दिया गया है। इस तरह के कई भोजनालयों में बासी रोटी का उपयोग हो रहा था, जिसके कारण कई लोग बीमार हो गए थे। तो यदि आप इस तरह किसी भोजनालय में रोटी खाना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें और इससे भी अच्छा रहेगा कि आप किसी स्थानीय व्यक्ति से इस बारे में बात कर लें कि कौनसे जगह आपको बहुत ही अच्छा कोट्टु रोटी का भोजनालय मिल सकता है।

पीना[सम्पादन]

श्रीलंका में नल के पानी को देश में पीने के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। यदि आप बोतलबंद पानी का उपयोग कर रहे हैं (मार्च 2012 में 60-70 रुपये में 1.5 लीटर) हमेशा सुनिश्चित करें कि एसएलएस (श्रीलंका स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट) लिखा हुआ मौजूद हो। देश के कुछ भागों में आपको मिट्टी में चूने की उच्च उपस्थिति के कारण बेकार पानी ही मिलेगा।

सोना[सम्पादन]

हाल के वर्षों में श्रीलंका में रहने के स्थानों में काफी परिवर्तन किया गया है। आधुनिक पर्यटक उद्योग के रूप में पहचान बनाने के लिए, पश्चिमी तट पर होटल बनाने का कार्य 1960 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से छुट्टी के दौरान आने वाले पर्यटकों के लिए ही था। लेकिन पिछले कुछ दशक में विला, बड़े और छोटे होटलों का निर्माण हुआ है, जिससे आपके पास कई सारे विकल्प हैं। इसके अलावा मई 2009 में गृह युद्ध भी समाप्त हो गया था, जिसमें तमिल सेना की हार हुई थी और उसी के साथ ही पर्यटकों का आगमन भी काफी बढ़ गया। फिलहाल यहाँ अच्छे होटलों की काफी कमी है, इस कारण यदि आप यहाँ आना चाहते हैं तो पहले ही उस होटल में इंटरनेट, फोन द्वारा या अन्य तरीकों द्वारा पहले ही कमरा ले लें तो अच्छा रहेगा।