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सदस्य:आकांक्षा सक्सेना

विकियात्रा से

चर्चा में : ब्लॉगर आकांक्षा सक्सेना Www.akaksha11.blogspot.com

ब्लाग "समाज और हम"

जिसको लिखने वाली है उत्तर प्रदेश के जिले औरैया की बेटी आकांक्षा सक्सेना |

जिनका जन्म : आकांक्षा सक्सेना, मथुरा में जन्मीं जिनके पिता का नाम राकेश प्रकाश सक्सेना और माता का नाम मंजुलता है |

पढ़ाई : जिन्होंने बहुत खराब हालात और विकट परिस्थितियों से जूझते हुऐ अपनी पढ़ाई पूरी की जिन्होने जनता इंटर कॉलेज अजीतमल से हाईस्कूल और सांफर कॉलेज से इंटरमीडिऐट किया और जनता महाविध्यालय से बी.एस.सी की और सेण्ट्स ऐग्रीकल्चर यूनीवर्सटी इलाहाबाद से एम.ए शिक्षाशास्त्र की उपाधि प्राप्त की और सरस्वती कॉलेज ऑफ प्राफेशनल स्टडी, मेरठ यूनीवर्सटी से बी.एड की उपाधि प्राप्त की |

लिखने की प्रेरणा और ब्लाग की शुरूवात :

बचपन में जब किसी गरीब, दुखी को देखती तो मन करता कि इनकी मदद कैसे करें जब मेरे भी हाँथ खाली हैं तो मानसिक बैचेनी को दूर करने के लिये कॉपी पर कहानी बनाती कि वो दुखी व्यक्ति को मैं बहुत अच्छा खाना,कपड़े दे रही हूँ उनको दवा दे रहीं हूँ अब वो स्वस्थ हो गये हैं |ये लिख कर मानसिक सूकून मिलता था| पर कहीं न कहीं सकारात्मक ऊर्जा भी थी कि वो गरीब बोलता बेटी तुम्हारी दी हुई भोजन सामृग्री से मैं ठीक हो गया | क्या किया तुमने तो हम कहते ज्यादा कुछ नहीं बस कहानी लिखी जिसमें आप ठीक हो गये |वो गरीब बोला बड़े दिल से दुआ की है| बेटी रोज लिखा करो | फिर बड़ी हुई तो देखा समाज का दिखावा और वास्तविकता में बहुत अंतर लोग मंच पर तो बड़ी बातें बोलते पर वही बस और ट्रेन में थोड़ी सी जगह नहीं देना चाहते जो सहयात्री भी बैठ जाये | कलयुग में दिल इतने संकीर्ण क्यों हो गये | गरीब रिश्तेदार को सोफे पर नहीं बाहर स्टूल पर बिठाओ | संम्बंधों पर पैसा हावी हो गया | बहू नौकरीवाली चाहिये सुन्दर चाहिये बस चाहिये ही चाहिये उसको क्या क्या सुविधायें और सम्मान देगें वो नहीं सोचते | शादी में इतना धन खर्च होता है फिर भी बेटी की आत्मा रोती है ? बेटी दे देदी घर का एक इंसान चला गया और क्या चाहिये ? ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब दहेज पीड़ित की खबर अखबार में ना आती हो |हद तो तब हो जाती है जब कोर्ट में चक्कर काट -काट कर वो थक जाती और न्याय की जगह तारीख दी जाती है और न्यायिक प्रक्रिया इतनी धीमी है कि उसकी पूरी उम्र मुकदमें में बीत जाती | समझ ये नहीं आता जब हर कार्य आज ऑनलाईन है तो न्याय में इतनी देरी क्यों ? समाज भी ऐसा है कि ससुराल से पीड़ित बेटी को सम्मान की नज़र से नहीं देखता तो वह कहाँ जायें ? बेटी के अस्तित्व का सबसे बड़ा खतरा यह दहेज़ ही है | दूसरी ओर गरीब लोगों के लिये जो सरकारी कॉलोनिया बनी तब भी गरीब सड़कों और फुटपाथ पर ठण्ड में सिकुड़ने और गरमीं में झुलसने को विवश है जरा सोचो वो मजबूर भी इसी देश का नागरिक है उसको भी जीने का हक है ? आज भी देश की बेटी रात में ट्रेन और बस में अकेले सफर करने से डरती है ? जब पाँच साल की बच्ची और साठ साल की नर्स के साथ दुराचार हो जाता है जिससे पूरी की पूरी इंसानियर शर्मशार हो जाती है | इन्हीं सब समाजिक विंसगतियों, लोगों की परेशानियों ने लिखने पर विवश ही कर दिया | लिखती और अखबारों में पोष्ट करती पर किसी ने गम्भीरता से नहीं लिया और अपने अखबार में नहीं छापा |पर फिर भी हार नहीं मानी और लिखती रही और फिर कॉपी कलम से निकल कर जब फेसबुक मंच मिला और फेसबुक पर ही मिले लेखक कवि, अभिनेता, पत्रकार और समाजसेवी, मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के ग्राम पड़री (रामपुरवा) में जन्मे उम्दा विचारक, फेमस थियेटर आर्टिस्ट और महान पत्रकार श्री जितेन्द्र देव पाण्डेय विद्यार्थी जी ने सलाह दी की ब्लाग में लिखो |हमने जब उनका जीवन समर ब्लाग पढ़ाे और फिर हमारे निवेदन से उन्होंने हमारा ब्लाग बनाया और कहा ब्लाग नाम तुम लिख लो और लिखना शुरू करो | हमने 2011में ऑनलाईन ब्लाग लिखना शुरू किया और अपने ब्लाग को नाम दिया 'समाज और हम' काफी लम्बी मेहनत के बाद देखने में आया कि लाखों लोग इसे पढ़ने लगे और एक दिन भारत रत्न डॉ अब्दुल कलाम जी का मेल मिला और खुशी का ठिकाना ना रहा |

आकांक्षा का मानना है कि दर्द कम करने की प्राकृतिक औषधि है लिखना |

उद्धेश्य : आकांक्षा की आकांक्षा यह है कि समाज में सुन्दर परिवर्तन आये और लोग अपनी दकियानूसी मानसिकता से बाहर निकल कर देश के विकाश की ओर सोचें और जिस काबिल हो उस तरह से देश की सेवा करें | वह अपने लेख, कविता ,कहानी,भजन के रूप में समाज में बदलाव की आकांक्षी हैं |

पहिचान :

आकांक्षा अपनी सफलता का श्रेय फेसबुक को देती है जिसने उसे एक ब्लागिस्ट की पहिचान दी| उनको ब्लाग बनाने का विचार फेसबुक से मिला और फिर लिखने का मंच मिला और लोग जुड़ते गये...और आज ब्लाग "समाज और हम" में व्यूवर की संख्या ढ़ाई लाख के पार जो कि एक साधारण परिवार की बेटी के लिये बड़ी बात है.. कभी गरीबी दुख झेल कर समाज की सच्चाईयों को लिख डाला ब्लाग में....और समाज को अपनी शब्दों से सही दिशा देने का प्रयास कर रहीं हैं| जिसके ब्लॉग को कलाम सर,मोदी सर, और ऐक्टर,डाईरेक्टर प्रसिद्ध फोटो ग्राफर और इंटरनेशलन कन्ज्यूमर फार्म के प्रेसीडेण्ट अरूण सक्सेना और हैदराबाद की जानी मानी हस्ती डॉ योगेश राज श्रीवास्तव जिनके नाम ढ़ेरो रिकॉर्ड दर्ज है जिनमें जीनियस बुक ऑफ रिकॉर्ड,फिलिप्स ब्रैवरी अवार्ड,वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड,ब्लड डोनेट रिकार्ड और महान समाज सुधारक करूणामयी हृदय के स्वामी होने के साथ सच्चे देशभक्त जनप्रिय शख्शियत भी समाज और हम से जुड़े हैं | इसी कड़ी में लखनऊ के फेमस युवा ब्यूरो चीफ,पटकथा लेखक,समाज सुधारक,प्रतिभावान शख्शियत सत्यम सिंह बघेल भी जुड़े हैं और कन्हैया त्रिपाठी जो अतिथि संपादक राष्ट्रपतिभवन और वर्तमान में डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश, लेखक कवि, अभिनेता, पत्रकार और समाजसेवी जितेन्द्र देव पाण्डेय विद्यार्थी, दैनिक जागरण कानपुर के पत्रकार डॉ दीपक सक्सेना, इटावा के एसडीएम शैलेन्द्र श्रीवास्तव, डाईरेक्टर राजेश पाण्डेय, फिल्म डाइरेक्टर पुष्पेन्द्र, ऐक्टर ऐकान्श भारद्वाज , ऐक्टर सागर सैनी, ऐक्टर,डाईरेेक्टर राजक परिहाड़वी,फिल्म डाईरेक्टर अमृत सिन्हा, रोशनी दर्शन मैग्जीन के ऐडीटर सुमन वर्मा,प्रेरणा एनजीओ के डाईरेक्टर संतोष श्रीवास्तव, डाईरेक्टर लव लोहिवाल, ऐक्टर राजेश दुबे, ऐक्टर और ऐडीटर राजेश कुमार राजा, टीवी ऐक्टर प्रोड्यूसर राकेश मनोचा, ऐक्टर डाईरेक्टर दीपक नूर, महान आर्टिस्ट भारत के पिकासो कॉजी एम रागहिब जी और बहुमुखी प्रतिभा के धनी ऐक्टर, मॉडल रेमण्ड डिसूजा,टीवी के मशहूर ऐक्टर मोहम्मद इकबाल और भोपाल की लॉयन क्लब की समाजसेविका रूचि भार्गव,तेज न्यूज के ऐडिटर सेख शकील, द मिड डे एक्टिविस्ट न्यूज पैपर के चीफ ऐडीटर मोहम्मद ताहिर और मुख्यमन्त्री झारखन्ड रघुवर दास जैसे नामी गिरामी लोग ब्लाग से जुड़े हैं जो एक छोटी जगह की लड़की के लिये बड़ी बात है |

प्रकाशित लेख :

सबसे पहले कानपुर के जनसामना साप्ताहिक न्यूज पैपर में कृष्ण भजन और उज्जवल प्रदेश कविता प्रकाशित फिर कानपुर के दैनिक जागरण पाठकनामें में गंगा कविता,संगिनी में छोटे ब्लाग प्रकाशित और लखनऊ के द मिड डे एक्टविस्ट न्यूज पैपर में लेख प्रकाशित,मुम्बई के साप्ताहिक न्यूज पैपर रूबी टाईम्स,ग्रीन लेवल भारत, तत्काल न्यूज पैपर में लेख, कविता प्रकाशित, तेलगू मैग्जीन वॉयस ऑफ न्यूज में लेख प्रकाशित,रोशनी दर्शन मैग्जीन, असल न्यूज मैग्जीन में लेख प्रकाशित,हैदराबाद के न्यूज पैपर डेली हिन्दी मिलाप में लेख प्रकाशित,देशबन्धु राष्ट्रीय संस्करण में लेख,भोपाल के न्यूज पैपर ग्राम संदेश,ज्ञान सवेरा न्यूज पैपर, शब्द प्रतिज्ञा,पीथयान पत्रिका,भोपाल के राजधानी न्यूज पैपर में ब्लाग न्यूज प्रकाशित, उत्तराखण्ड़ की मैग्जीन अर्चिता में कविता, गौरखपुर के स्वतन्त्र चेतना न्यूज पैपर में लेख, जबलपुर दर्पण न्यूज पोर्टल, श्रमजीवी जर्नलिस्ट न्यूज पोर्टल,यूनाइटिज न्यूज.कॉम पोर्टल,न्यूज चक्र पोर्टल, सर्च स्टोरी न्यूज पोर्टल , मध्य उदय न्यूज पोर्टल, न्यूज नैशन न्यूज पोर्टल, तेज न्यूज पोर्टल में कहानी प्रकाशित, मध्य प्रदेश के हिन्दी साप्ताहिक अकोदिया सम्राट न्यूज पैपर, हिन्दी साप्ताहिक सनराइज न्यूज इण्ड़िया अमरोहा में प्रकाशित लेख,कानपुर के कर्मकसौटी न्यूज पैपर में ब्लॉग न्यूज प्रकाशित | उपरोक्त समाचारपत्रों ने आकांक्षा के समाज और हम ब्लाग के लेखों की गम्भीरता को समझा और अपने अखबारों में जगह दी|

इच्छा :

आकांक्षा सक्सेना देश की नेता मंत्री और लालबहादुर जी की पुत्र बधु नीरा शास्त्री जी से और औरैया की डीएम माला स्रीवास्तव सांसद डिप्पल यादव सुसमा स्वराज, आईएएस ईरा सिंघल से मिलने की इच्छा रखती हैं और समाज में श्रेष्ठ बदलाव की आकांक्षा रखतीं हैं |

समाज और बेटियों को संदेश :

समाज उन्नत होगा तो मानवता उन्नत होगी | बेटी सम्मानित होगी तो सृष्टि प्रकाशित होगी |

   समाज को देश को युवाओं की प्रतिभा, शक्ति और सामर्थ की जरूरत है तो आईये साथ मिलकर अपने भारत निर्माण में अपना योग्यदान दें और इंसान होने का परिचय दें |

बेटा सूर्य है तो बेटी चांद हैं, बेटा जीवन है तो बेटी अस्तित्व है |दोनों ही भगवान ही आंखे हैं | हमारे समाज को इन दोनों आँखों से देश की तकदीर में इंसानियत के नये कीर्तमान गढ़ने हैं | आइये दोस्तों हम सब साथ चलते हैं |

धन्यवाद