मनाली भारत के हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित एक शहर है। यह भारत के बहुत ही प्रसिद्ध घूमने के स्थानों में से एक है। यहाँ शरद ऋतु में बर्फ जम जाती है। पूरा शहर बर्फ से ढँका हुआ दिखाई देता है, जो इस शहर को और भी सुन्दर बना देता है। यहाँ कई विदेशी लोग भी घूमने आते हैं। शरद ऋतु में जब यहाँ बर्फ गिरती है तो यह और भी अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ का मौसम गर्मी के समय भी बहुत ठंडा होता है। इसी कारण कई बार लोग गर्मियों की छुट्टियाँ यहीं बिताना पसंद करते हैं। क्योंकि गर्मी में कई जगह ऐसे होते हैं, जहाँ पारा 40° C के भी पार चले जाता है और यहाँ 15° C से 20° C के ही आसपास रहता है, जिससे ठंड का एहसास होता है।
परिचय
[सम्पादन]ऋतु
[सम्पादन]अक्टूबर से मार्च तक यहाँ का निम्न तापमान -15° C से -5°C तक रहता है। यहाँ दिसम्बर, जनवरी और फरवरी सबसे ठंडा महीना होता है। इसके अलावा बाकी बचे सभी महीनों में तापमान 15° C से 20° C डिग्री के आसपास ही रहता है। यहाँ का तापमान पानी के जमने वाले स्तर तक में जाते रहता है। विशेष रूप में शरद ऋतु में ऐसा होता है। यहाँ जाने वाले सभी पर्यटकों को अपने साथ गर्म कपड़े ले जाने हेतु निर्देश भी दिये जाते हैं।
मौसम
[सम्पादन]यहाँ का मौसम आम तौर पर ठंडा ही रहता है। गर्मी के मौसम में भी यहाँ सामान्य ठंडा मौसम ही रहता है और ठंड के मौसम में बहुत ही ठंडा हो जाता है। यहाँ के तापमान को देखें तो यह पूरे वर्ष में 4° C से 20° C से अधिक नहीं होता। यहाँ तक कि गर्मी के मौसम में भी यह तापमान 4° C से 15° C के मध्य ही रहता है। ठंड के मौसम में -15° C से लेकर 5° डिग्री तक रहता है। यहाँ बारिश
यात्रा
[सम्पादन]रेल द्वारा
[सम्पादन]यहाँ सबसे पास रेल मुख्यालय दिल्ली से 290 किलोमीटर दूर अंबाला में और 250 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ में है। अंबाला से 10 घंटे में बस के द्वारा मनाली में आया जा सकता है। जोगिन्दर और कल्का दूसरे विकल्प के रूप में हैं। यहाँ से भी मनाली आया जा सकता है, लेकिन यह थोड़ा दूर है।
बस द्वारा
[सम्पादन]मनाली की दूरी दिल्ली से लगभग 550 किलोमीटर की है। यहाँ बस इस शहर को दिल्ली, शिमला आदि जगहों से जोड़ती है। दिल्ली से मनाली तक जाने के लिए बस का टिकट दिल्ली में हिमाचल पर्यटन कार्यालय के द्वारा भी लिया जा सकता है। दिल्ली से मनाली जाने के लिए 14 घंटे का समय लगता है। वहीं अंबाला से मनाली आने में 10 घंटे का समय और कुलु से मनाली के लिए आधे से लेकर तीन घंटे का समय लगता है।
विमान द्वारा
[सम्पादन]मनाली से सबसे पास का हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है। यह मनाली से 50 किलोमीटर दूर है और कुल्लू से इसकी दूरी 10 किलोमीटर है। यह कम से कम एक घंटे दूर है। एयर इंडिया की उड़ाने सुबह के समय दिल्ली से आती है। दिल्ली सबसे पास का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मनाली से 560 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा भारत के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यह दूसरे देशों के कई शहरों से भी जुड़ा हुआ है।
टैक्सी द्वारा
[सम्पादन]यदि आप निजी टैक्सी किराय पर लिए हैं, तो अच्छी तरह से जाँच कर लें कि चालक को पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाने का पर्याप्त अनुभव है और उसे शराब पीने जैसी कोई बुरी आदत नहीं है। यह भी पता कर लें कि उस चालक ने इससे पहले भी एक बार किसी को घुमाने ले गया है और सभी सड़कों से परिचित है। इसे भी अच्छी तरह जान लें कि वह चालक कई घंटों तक गाड़ी चला भी सकता है या नहीं। पहाड़ों पर जाते समय कई चालक अपने गाड़ी का एसी बंद कर देते हैं और कुछ लोग उसे चालू करने के लिए अधिक पैसे मांगते हैं, तो यदि आपको एसी की आवश्यकता हो तो पहले ही इस बारे में जानकारी ले लें। यदि अप मनाली आने के लिए चंडीगढ़, रोपर, किरतपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू मार्ग का चयन किए हैं, तो आपके चालक को पहाड़ों में कम से कम 6 घंटे गाड़ी चलाना पड़ेगा। इसके लिए एक दिन में ₹3000 से ₹4000 तक का किराया लग सकता है।
देखें
[सम्पादन]- 1 रोहतांग दर्रे सागर के स्तर से 3979 मीटर (13,050 फिट) ऊपर ये पर्यटन स्थल है। ये एक ऐसा जगह है, जहाँ गर्मी के मौसम में भी ठंडी रहती है। ये सड़क में सबसे ऊंचे स्थान पर है, जहाँ से आपको पहाड़ का विस्तृत विशाल दृश्य देखने को मिलता है। इसी के पास दसौर नाम से एक झील भी है। ठंड के मौसम में यह मार्ग बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा यह जगह सड़क निर्माण या मरम्मत आदि कार्यों के लिए सभी मंगलवार को सुबह नौ बजे से रात छः बजे तक बंद रहता है। यदि आप नौ बजे से पहले वहाँ से निकल सकते हैं, तो आपको भारी भीड़ से सामना नहीं करना पड़ेगा, जो बाकी दिनों में रहती है। यदि आप अपने से गाड़ी चला कर जाना चाहते हैं, तो गड्डेदार सड़क और न दिखने वाले मोड़ आदि के लिए तैयार रहें। यदि आप किसी ड्राईवर को रख रहे हैं, तो कृपया चार चक्के वाले वाहन को किराये पर लें, क्योंकि इसके अन्दर गैर-चार चक्के वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह दूरी इस दर्रे के 16 किलोमीटर तक होती है। यदि आप दो पहिया वाहन से प्रवेश करेंगे तो आपको चार पहिया वाहन लेने को कहा जाएगा, जिसका किराया ₹1500-₹2000 प्रति व्यक्ति होता है। यह ज्यादातर सर्दी के मौसम में होता है, जब यहाँ बर्फ की बहुत बड़ी परत जमी होती है। साझा टैक्सी भी यहाँ उपलब्ध है।