साँची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन जिले, में बेतवा नदी के तट स्थित एक छोटा सा गांव है। यह भोपाल से ४६ कि॰मी॰ पूर्वोत्तर में, तथा बेसनगर और विदिशा से १० कि॰मी॰ की दूरी पर मध्य प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है। यहाँ कई बौद्ध स्मारक हैं, जो तीसरी शताब्दी ई.पू. से बारहवीं शताब्दी के बीच के काल के हैं।
मौसम
[सम्पादन]अप्रैल से जून माह तक साँची में गर्मियां पड़ती है एवं तापमान औसतन अधिकतम ४२ डिग्री तक पहुँच जाता है। जुलाई से मध्य सितंबर माह तक यहाँ बरसात होती है। यहाँ औसतन इन माह में ३५० एमएम से अधिक वर्षा होती है। पर्यटन हेतु जनवरी से मार्च माह तक एवं मध्य सितंबर माह से दिसंबर माह तक यहाँ सर्वोत्तम मौसम होता है।
भाषा
[सम्पादन]यहाँ हिंदी प्रमुख भाषा है इसके अतिरिक्त यहाँ बुंदेलखंडी भाषा का भी बहुतायत में प्रयोग होता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण यहाँ अंग्रेजी भाषा के भी जानकार लोग हैं।
कैसे पहुँचे
[सम्पादन]यहाँ पहुँचने के लिए आवागमन के कई साधन जैसे रेल मार्ग सड़क मार्ग एवं के तथा निकटवर्ती हवाई अड्डे उपलब्ध है
हवाई मार्ग
[सम्पादन]साँची के निकटतम हवाई अड्डे : राजा भोज हवाई अड्डा (BHO) ४६ कि॰मी॰ , देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा (IDR) २१५ कि॰मी॰ , डुमना स्थित जबलपुर हवाई अड्डा (JLR) २४२ कि॰मी॰ दूर है। आप इन निकटतम हवाई अड्डों के द्वारा मुंबई (BOM), नई दिल्ली (DEL), हैदराबाद (HYD), रायपुर (RPR) से साँची पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग
[सम्पादन]साँची एक रेलवे स्टेशन भी है जो कि दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलवे मार्ग पर स्थित है यहाँ कई गाड़ियां रूकती है। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन विदिशा एवं भोपाल है।
सड़क मार्ग
[सम्पादन]सांची सड़क मार्ग से विदिशा एवं भोपाल शहर से जुड़ा है आप यहाँ निजी टैक्सी अथवा बस एवं मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की बस के माध्यम से भी आ सकते हैं।
क्या देखें
[सम्पादन]साँची मुख्यतः अपने स्तूपों के कारण जाना जाता है। यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर घोषित किया गया है यहाँ देश-विदेश से बौद्ध दर्शन हेतु आते हैं।यहाँ छोटे-बड़े अनेकों स्तूप हैं, जिनमें स्तूप संख्या २ सबसे बड़ा है। इस स्तूप को घेरे हुए कई तोरण भी बने हैं। स्तूप संख्या १ के पास कई लघु स्तूप भी हैं, उन्ही के समीप एक गुप्त कालीन पाषाण स्तंभ भी है। यह प्रेम, शांति, विश्वास और साहस के प्रतीक हैं। सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती, ई.पू. में बनवाया था।
क्या करें
[सम्पादन]खरीदारी
[सम्पादन]क्या खाएं
[सम्पादन]क्या पिए
[सम्पादन]कहां ठहरे
[सम्पादन]सांची में ठहरने हेतु आजकल कई होटल हो गए हैं लेकिन इनमें मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग का होटल प्रमुख है।
सतर्कता/सावधानियाँ
[सम्पादन]आगे कहाँ जाएं
[सम्पादन]साँची के निकट ही कई और घूमने लायक जगह है, जैसे उदयगिरी की गुफाएं, माला देवी का मंदिर, भोपाल इत्यादि।