"अलीगढ़": अवतरणों में अंतर

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* '''रूबी महल''' - पुराने बस स्टैंड के पास ही है।
* '''रूबी महल''' - पुराने बस स्टैंड के पास ही है।


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बाब-ए-सैयद, एएमयू का मुख्य द्वार

अलीगढ़ उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। यह अलीगढ़ जिला का मुख्यालय भी है। यह कानपुर के उत्तर-पश्चिम में 203 किलोमीटर की दूरी पर है और नई दिल्ली से यह दूरी लगभग 140 किलोमीटर है। यह अपने ताले के उद्योग और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिये प्रख्यात हैं। यह उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक है और भारत के 55वें सबसे बड़े शहरों में इसे गिना जाता है।

अन्य जानकारी

इतिहास

अठारहवीं सदी से पहले इसे "कोल" के नाम से जाना जाता था। इसका इतिहास बारहवीं शताब्दी तक का इतिहास धुंधला सा है। इसके बारे में उससे पहले तक की कोई जानकारी नहीं है। आयरलैंड के वकील एडविन एटकिनसन के अनुसार इस जगह की स्थापना और नामकरण राजपूतों ने वर्ष 372 में किया था।

वर्ष 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली से यहाँ आया था। इसके कब्जे के बाद अकबर और जहाँगीर यहाँ शिकार करने आते थे। जहाँगीर ने कोल के जंगलों के बारे में अच्छी तरह उल्लेख किया था। उसने यह भी बताया था कि उसने भेड़िया का शिकार भी किया था। इब्राहीम लोधी के समय उमर का पुत्र, मुहम्मद ने कोल में लोधी किले का निर्माण किया था, इसका नाम कोल से मुहम्मदगढ़ कर दिया था। इसके बाद साबित खान उस क्षेत्र का शासक बना और लोधी किले का फिर से निर्माण कर उसका नाम अपने नाम पर साबितगढ़ किला और शहर का नाम साबितगढ़ रख लिया।

जाट शासक सुरजमल ने जयपुर के शासक जय सिंह के साथ मिल कर इसपर कब्जा कर लिया और इसका नाम रामगढ़ कर दिया। फिर उसके बाद नजफ़ खान ने इस पर कब्जा कर इसका नाम अलीगढ़ और किले का नाम अलीगढ़ किला कर दिया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है। उसके बाद इसमें कुछ सुधार फ्रांसीसी अधिकारियों और वहाँ के कलाकारों ने भी किया था।

1803 में मैसूर की शक्ति समाप्त होने के बाद पूरे भारत में केवल मराठाओं के पास ही अंग्रेजों से लड़ने हेतु शक्ति बची थी। 1 सितम्बर 1803 में अलीगढ़ किले पर अंग्रेजों और मराठाओं के मध्य लड़ाई हुआ था। इसके बाद अंग्रेजों ने अलीगढ़ पर भी कब्जा कर लिया था। यह कब्जा वर्ष 1947 तक रहा। उसके बाद अंग्रेजों से भारत को आजादी मिल गई।

मौसम

अलीगढ़ में मॉनसून-प्रभावित आर्द्र वाला क्षेत्र है, जिसकी जलवायु उपोष्णकटिबंधीय है। इसका मौसम उत्तर-मध्य भारत के शहरों जैसा ही है। यहाँ गर्मी की शुरुआत अप्रैल में हो जाती है और मई में तापमान सबसे अधिक रहता है। इसका औसत तापमान 28–38 °C (82–100 °F) के मध्य रहता है। मानसून वाला मौसम जून के अंत में शुरू हो जाता है और अक्टूबर तक इसी तरह जारी रहता है, जिसके कारण उच्च आर्द्रता होती है। मानसून के समय यहाँ साल में सबसे अधिक वर्षा होती है। इन महीनों में 800 मिलीमीटर तक बारिश होती है। अक्टूबर के बाद से धीरे धीरे ठंड की शुरुआत हो जाती है और यह ठंड फरवरी तक चलती है। इस दौरान यहाँ का औसत तापमान 5–11 °C (41–52 °F) के मध्य रहता है। शीत ऋतु में अलीगढ़ का मौसम हल्का ठंडा ही होता है। लेकिन वर्ष 2011 और 2012 के मध्य तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। उस दौरान तापमान 1 °C तक चला गया था। इस दौरान ठंड और धुंध अपनी चरम पर था।

यात्रा

विमान द्वारा

वर्तमान में अलीगढ़ का सबसे करीबी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उससे 140 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। अतः यदि आपको अलीगढ़ से दूसरे किसी देश जाना है तो आपको 140 किलोमीटर दूरी तय करते हुए, इन्दिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली में जाना होगा। अलीगढ़ में भी हवाई अड्डा है, जो अभी बन रहा है। यह धानीपूर में राष्ट्रीय राजमार्ग 91 में स्थित है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने 2014 में इसके निर्माण हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से अनुमति ली थी।

रेल द्वारा

चित्र:Aligarhjunctionpic.jpg
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन यहाँ का मुख्य स्टेशन है। दिल्ली और कोलकाता में आने जाने का मार्ग भी इसी से होते हुए जाता है। यह इस मार्ग का सबसे पुराना स्टेशन है। इससे आप अलीगढ़ से होते हुए पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहर और अन्य जगहों के भी महत्वपूर्ण जगहों में भी जा सकते हैं। जैसे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, भोपाल, इन्दौर, जम्मू, ग्वालियर, झाँसी, पुरी, कानपुर, आगरा और वाराणसी। इस स्टेशन में हर दिन लगभग 136 रेल चलती है और दो लाख से अधिक सवारी ले कर चलती है।

इसमें कुछ रेलों में पूर्व एक्सप्रेस 3 बजकर 48 मिनट में, वैशाली एक्सप्रेस 4 बजे, प्रयाग राज एक्सप्रेस 4 बज कर 28 मिनट में, कैफियत एक्सप्रेस 4 बज कर 45 मिनट में चलती है। शाम 6 बजे के आसपास जयनगर आनन्द विहार गरीब रथ एक्सप्रेस चलती है। इसका समय शाम 6 बजकर 14 मिनट रहता है। लेकिन यह रेल हर दिन न चल कर केवल मंगलवार और शनिवार को ही चलती है। इसी की तरह भागलपुर - आनन्द विहार गरीब रथ एक्सप्रेस सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को 6 बज कर 15 मिनट में चलती है। लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस हर दिन 7 बज कर 52 मिनट पर और स्वतंत्र सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस 10 बज कर 25 मिनट पर हर दिन चलती है। कानपुर नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस 9 बजकर 4 मिनट पर चलती है, लेकिन यह रविवार को नहीं चलती, पर बाकी सभी दिन आप इसमें सफर कर सकते हैं।

बस द्वारा

अलीगढ़ से दिल्ली 140 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहाँ उत्तर प्रदेश राज्य सड़क यातायात निगम की बसें चलती है। यह बसें उत्तर प्रदेश के सभी शहरों के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश और हरियाणा के शहरों में भी चलती हैं। आप इस बस सेवा के उपयोग से इनमें से किसी भी शहर में जा सकते हैं।

अभी तक इस निगम की दो बस स्टेशन बनी हुई है। तीसरी का निर्माण चल रहा है। इसमें अलीगढ़ बस स्टेशन और मसूदाबाद बस स्टेशन है। इनमें से अलीगढ़ बस स्टेशन को और अच्छा करने के लिए फिर से कुछ हिस्सों को नया बनाया जा रहा है। अभी मसूदाबाद स्टेशन में कोई काम नहीं चल रहा है तो आप वहाँ से भी आसानी से बस ले सकते हैं। रसुलाबाद बस स्टेशन का निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके निर्माण के साथ ही इसके तीन बस स्टेशन हो जाएँगे।

देखें

अलीगढ़ किला
  • अलीगढ़ किला - एक बहुत पुराना और भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक है। इसका निर्माण इब्राहीम लोधी के समय उमर के पुत्र मुहम्मद ने 1524 से 1525 के मध्य बनवाया था। इसका नाम उसने अपने नाम से मुहम्मद किला कर दिया। उसके बाद धीरे धीरे अन्य शासकों के आने के बाद इसका नाम भी बदलने लगा था। बाद में इस क्षेत्र और किले का नाम अलीगढ़ रख दिया गया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है।
यह किला बरौली मार्ग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उत्तर में पहाड़ों पर बना है। यह हर ओर से 30 फीट ऊँचा है। अब यह किला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नियंत्रण में है। यह विश्वविद्यालय इस किले के आंतरिक स्थान को अपने विद्यार्थियों को वनस्पति विज्ञान पढ़ाने के लिए उपयोग करती है।
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर - यह कुछ बहुत पुराने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना सय्यद अहमद खान ने "मद्रासतुल उलूम मसूलमनन-ए-हिन्द" के रूप में की थी। इसका नाम अंग्रेजों के शासन काल के समय एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज कर दिया गया था। वर्ष 1920 में इसका नाम फिर बदला गया और उस समय से अब तक इसका नाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय है।
  • अचल ताल - इस शहर में अचल ताल के पास, धर्म समाज महाविद्यालय के सामने कई पुराने हिन्दू मन्दिर हैं। यहाँ चार कोणों में चार मन्दिर है। इन सभी चार मंदिरों को हिन्दू सिद्ध पीठ बोला जाता है। खेरेश्वर धाम भी पुराने शिव मन्दिर के कारण जाना जाता है, जो हरिदासपुर में स्थित है। यह अलीगढ़ से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भी शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
सय्यद मस्जिद का रात के समय का दृश्य
  • सय्यद मस्जिद - यह मस्जिद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर के हृदय में स्थित है। सय्यद अहमद खान का मकबरा भी इसी मस्जिद से जुड़ा हुआ है। इसकी रचना वैसे ही की गई है जैसे मुगल बादशाहों द्वारा बनाए गए मस्जिद में होती है।
  • मंगलायतन मंदिर - यह अलीगढ़-आगरा राजमार्ग में है। इसके लिए आपको मुख्य शहर से 20 मिनट की दूरी तय करनी पड़ेगी।
  • जवाहर पार्क (नक़वी पार्क) - विश्वविद्यालय के परिसर में उपस्थित है।
  • पुराना किला - यह कानून संकाय विश्वविद्यालय के पास ही उपस्थित है।
  • शेखा झील शेखा गाँव के समीप स्थित एक झील है। यह अलीगढ़ के 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह पक्षियों के कारण जाना जाता है, सर्दियों के अंत में यहाँ आ जाते हैं। यहाँ का पानी ताजा रहता है। इसमें 1852 में बदलाव करने के बाद से इसमें केवल ताजा पानी ही रहता है। इसकी देख रेख वन विभाग करते हैं। आप यहाँ नवम्बर से फरवरी के मध्य आ सकते हैं, क्योंकि यह यहाँ आने का बहुत अच्छा समय माना जाता है। यह लोगों के लिए जनवरी 2015 को खोल दिया गया था। यहाँ आने के लिए ₹10 रुपये ही खर्च करने होते हैं। इस गाँव के कई जानवर और लोग यहाँ आना जाना करते रहते हैं, जो पक्षियों के लिए परेशानी बन चुका है।
  • मौलाना आजाद पुस्तकालय - अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय है। यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय का पुस्तकालय है। यह सात मंज़िला इमारत में 4.75 एकड़ आँगन और बाग से घिरा हुआ है। इसमें लगभग 14,00,000 पुस्तक है। कैफी आजमी ने अपने संग्रह से 5000 पुस्तक इस विश्वविद्यालय को दान कर दिये थे।
यहाँ रोज 5000 हजार से भी अधिक विद्यार्थी, शिक्षक और विश्वविद्यालय के अन्य सदस्य आते हैं। यहाँ पढ़ने के लिए पाँच कमरे हैं और 1150 लोगों के बैठने हेतु जगह है। पढ़ने का कमरा हर दिन 18 घंटे घुला रहता है। इस पुस्तकालय में कम्प्युटर प्रयोगशाला भी है, जहाँ से डिजिटल जानकारी भी प्राप्त किया जा सकता है। आप विश्वविद्यालय के परिसर में होते हुए भी आसानी से 43,000+ पुस्तकों को देख सकते हैं। इसके मुक्त पुस्तकालय डाटाबेस में 20,00,000 पाठ्य को स्केन कर के रखा गया है। इसमें आपको गणित, रसायन, भूगोल, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि की किताबें मिल सकती है।

खरीदें

  • अमीर निशान बाजार - यहाँ आप पारंपरिक भारतीय कपड़े खरीद सकते हैं।
  • अलीगढ़ पुराना शहर बाजार - थोड़ा अविकसित है और गाड़ी खड़े करने के लिए जगह की व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण आपको वाहन खड़े करने में परेशानी हो सकती है, लेकिन आपको यहाँ लगभग हर चीज मिल सकता है जो आप हर दिन घर में उपयोग करने के लिए ढूंढते रहे हैं। इसके अलावा यहाँ आप कारखानों से जुड़ा सामान भी खरीद सकते हो।
  • ताला - अलीगढ़ यहाँ बनने वाले तालों के कारखानों के कारण काफी प्रसिद्ध है। आप यहाँ के स्थानीय बाजार में कुछ अलग और नए तरह के ताले खरीदने में अपना थोड़ा समय लगा सकते हैं।

खाना

अलीगढ़ में कई व्यंजन चखे जा सकते हैं। बिरयानी, छोले भटूरे, डोसा, और चाउमिन सड़क किनारे दुकानों और ठेलों पर जगह जगह मिल जाएंगी। होटल अमीर निशां बाजार, समद रोड और सेंटर पॉइंट पर मिल जाएंगे। रसलगंज बाजार में भी कुछ सस्ते होटल मौजूद हैं।

सोना

  • आनन्द भवन - पुराने बस स्टैंड के पास
  • गुलमार्ग अतिथि घर - यह विश्वविद्यालय के पास है और काफी कम दाम में रह सकते हैं।
  • करीम लॉज - यह भी विश्वविद्यालय के पास ही है और यहाँ भी काफी कम दाम में आप रह सकते हैं।
  • रूबी महल - पुराने बस स्टैंड के पास ही है।